Friday, December 7, 2007

फाजिल्का ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ संघर्षरत प्रथम शहर

Dec 04, 11:21 pm
फाजिल्का -प्रदूषण की समस्या विश्व के सभी देशों में बड़ी तीव्रता से फैल रही है। इस समस्या से मानव जाति ही नहीं, बल्कि वनस्पति, पशुधन व प्राकृतिक साधनों पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं अधिक है जो ग्लोबल वार्मिग का कारण बनता है। व‌र्ल्ड कार फ्री नेटवर्क कम्यूनिटी ने प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए अपने प्रयास जारी रखे है। सोसायटी ने एशिया महाद्वीप में पंजाब के फाजिल्का को ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ संघर्षरत प्रथम शहर घोषित किया है।
समुदाय ने अपनी मैगजीन कारबस्टर के 32वें संस्करण में फाजिल्का द्वारा ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ ट्रांसपोर्टेशनमें ऊर्जा बचत करने में प्रथम घोषित किया है। चेक गणराज्य से पंजीकृत यह समुदाय फाजिल्का की ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ किए जा रहे प्रयासों से बेहद प्रभावित है, क्योंकि एसोसिएशन भी उक्त समुदाय की तर्ज पर ग्लोबल वार्मिग के खतरे से लोगों को जागरूक कर रही है। एसोसिएशन की स्थापना फाजिल्का के ही मूल निवासी व रूड़की इंजीनियरिंग कालेज के सेवानिवृत्त प्रो. एवं उत्तराखंड में ऊर्जा पुरुष के खिताब से नवाजे गए डा. भूपिंदर सिंह ने की है। एसोसिएशन ने फाजिल्का को प्रदूषण रहित व हरा-भरा बनाने का संकल्प ले रखा है। इसी संकल्प के तहत सोसायटी ने 22 अप्रैल 2007 को शहर में एक साइकिल रैली निकालकर लोगों को प्रेरणा दी थी कि वे स्कूटर कारे आदि छोड़कर साइकिल का प्रयोग करे। अधिक से अधिक पैदल चलने का भी अभ्यास करे। इससे प्रदूषण की समस्या कुछ हद तक हल हो जाएगी। सोसायटी ने हाल ही में संपन्न शहर के 160वें स्थापना दिवस पर आयोजित फाजिल्का महोत्सव में लोगों को अधिक ऊर्जा खपत वाले बल्बों की बजाए सीफएल के प्रयोग के लिए भी प्रेरित किया है। इतना ही नहीं, एसोसिएशन फाजिल्का में स्वच्छ वातावरण पैदा करने के लिए एसडीएम कोर्ट रोड पर रेलवे के सहयोग से हरा भरा बाग व कभी फाजिल्का की शान हुआ करती प्राचीन बाधा झील (जो अब सूख चुकी है) को फिर से उन्नत करने के लिए भी जुटी हुई है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_3961392.html

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