Monday, December 17, 2007

वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशां होगा

Dec 16, 11:31 pm
फाजिल्का

-1971 की भारत-पाक जंग में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को 16 दिसंबर (विजय दिवस) के मौके पर श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदों को समर्पित आसफवाला समाधि पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीगंगानगर सेक्टर के मेजर जनरल डीएस दौलता, विशिष्ट अतिथि एसडीएम राजीव पराशर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता फाजिल्का सेक्टर के ब्रिगेडियर आरके भूटानी ने की।
शहीद यादगार कमेटी, इंडो पाक सुलेमानकी इंटरनेशनल ट्रेड फ्रंट व सेना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा शहीदों के स्मारक पर सलामी देने के बाद हुई। मुख्य अतिथि मेजर जनरल दौलता ने कहा कि वीर शहीदों की बदौलत ही आज देश का सिर ऊंचा है और उनकी बदौलत ही देश को दुश्मन के हाथों से बचाया जा सका है। खासकर फाजिल्का को पाकिस्तान के कब्जे में जाने से बचाने के लिए सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों का सामना कर शहादत का जाम पीने वाले 84 जियाले सैनिकों की बदौलत ही आज फाजिल्का भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है।
शहीद यादगार कमेटी की ओर से मुख्य अतिथि मेजर जनरल दौलता को स्मृति चिह्न भेंट किया गया। आर्मी स्कूल फाजिल्का के राष्ट्रीय गीत पेश किया। इस मौके पर शहीद यादगार कमेटी के रतन लाल ठकराल, प्रफुल्ल नागपाल, सेठ राजा राम नागपाल, नासा एग्रो के एमडी संजीव नागपाल, उद्योगपति विक्रम आहूजा, रूड़की आईआईटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर भूपिंदर सिंह, तेजपाल सिंह सेखों, एडवोकेट मनोज त्रिपाठी, प्रगतिशील किसान नरपिंदर झींझा, आर्य समाज के अध्यक्ष सुशील वर्मा, पुरोहित राजेश कुमार आदि मौजूद थे।
-----

पाकिस्तान ने किया था सबसे बड़ा आत्मसमर्पण
फाजिल्का : भारत-पाक जंग 1971 में पाकिस्तान द्वारा किया आत्मसमर्पण द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किया गया सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। इस युद्ध में भारतीय सेना की थल, जल व एयर फोर्स ने शौर्य गाथा लिखते हुए पाकिस्तान को भारत पर हमला करने के दुस्साहस का मजा चखाया था। इस युद्ध में सेना की विभिन्न यूनिटों के असंख्य अधिकारी व जवान शहीद हुए थे उनमें 15 राजपूत के छह अफसर, दो जेसीओ, 62 जवान, चार जाट रेजीमेंट का एक अफसर, चार जेसीओ, 64 जवान, तीन असम रेजीमेंट के चार अफसर, तीन जेसीओ, 32 जवान, अन्य रेजीमेंटों का एक जेसीओ, 27 जवान शामिल है। कुल मिलाकर 206 सैनिकों ने शहादत का जाम पिया था।
-----
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_3996719.html

No comments: