Monday, August 10, 2009

आनंद उत्सव कभी समाप्त न करने का निर्णय

Dainik Jagran 10th August 2009

फाजिल्का-ग्लोबल वार्मिग का असर लोगों ने बारिश न होने और लगातार बढ़ रही गर्मी के रूप में देख ही लिया है। इसलिए सिर्फ सरकार से कुछ कर दिखाने की उम्मीद करने के बजाए सामाजिक संगठनों व आम लोगों को आगे आना होगा और पौध रोपण ग्लोबल वार्मिग कम करने का सबसे आसान और उत्तम ढंग है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए पंजाब हैरीटेज एंड टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड के सहयोग से फाजिल्का में वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत आनंद उत्सव का आयोजन करवाने वाली एनजीओ ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का (जी.डब्ल्यू.ए.एफ) ने उत्तर भारत की सबसे बड़ी कृषि सेवा कंपनी जमींदारा फार्म साल्यूशंस के सहयोग से आनंद उत्सव को लगातार चलाए रखने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि लोगों की पौधारोपण और उनकी देखभाल के प्रति रुचि पैदा करने के लिए एनजीओ जीडब्ल्यूएएफ ने पुराने सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलों के आयोजन के साथ साथ दो दिवसीय पौध रोपण कार्यक्रम आनंद उत्सव के रूप में आयोजित किया। इस दौरान लोगों के भारी उत्साह को देखते हुए जीडब्ल्यूएएफ ने इस उत्सव को दो दिन के बजाए सदाबहार बनाने का निर्णय लिया है। इस कार्य में जीडब्ल्यूएएफ को सहयोग देने का वादा जमींदारा फार्म साल्यूशंस के सोशल एक्टिविटी विंग ने किया है। जमींदारा के डायरेक्टर विक्रम आहूजा ने बताया कि आनंद उत्सव में भी उनकी कंपनी के सोशल विंग में शहर भर में सैकड़ों पौधे लगाने में मशीनरी व मैन पावर उपलब्ध करवाई है। अब जबकि ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ लोगों में जागरूकता आ गई है और लोग जीडब्ल्यूएएफ से आग्रह कर करके अपने यहां वृक्ष लगाने का न्यौता दे रहे है तो दोनों संगठनों ने आनंद उत्सव को दो दिन के बजाए सदाबहार करने का निर्णय लिया है। आहूजा के अनुसार आमतौर पर देखने में आता है कि अपने घर के बाहर या अंदर वृक्ष लगाने का इच्छुक हर कोई होता है लेकिन संसाधनों के अभाव में उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पाती। लगाने के लिए मनपसंद पौधा मिलना तो दूर बल्कि उसे लगाने के लिए जरूरत अनुसार गढ्डा खोदना ही मुश्किल हो जाता है। लेकिन उनकी कंपनी का सोशल विंग पौधा लगाने के इच्छुक लोगों द्वारा फोन करने पर न केवल जीडब्ल्यूएएफ के सहयोग से पौधा उपलब्ध करवाएगा बल्कि जरूरत अनुसार गढ्डा खोदने के लिए ट्रैक्टर, मशीनरी व वर्कर निशुल्क भी भेजेगा। वहीं जीडब्ल्यूएएफ के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा ने बताया कि लोगों में पौध रोपण के प्रति पैदा हो रही जागरूकता एक अच्छा संकेत है और यही जागरूकता ग्लोबल वार्मिग कम करने में सहयोग देगी।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_5692842.html

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