Monday, August 2, 2010

मंदबुद्धि बच्चों का गढ़ बना कबूलशाह खुब्बन

फाजिल्का-मालवा के पानी में हैवी मैटल की मात्रा ज्यादा होने से कई इलाके तो इतने ज्यादा प्रभावित हुए हैं कि वहां लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में हैं। फिरोजपुर जिले के गांव कबूलशाह खुब्बन में दूषित पानी की वजह से यहां बच्चों के सफेद बाल, उदर रोग, जोड़ों के दर्द के रोगियों की बड़ी संख्या है। छह सौ घरों वाले इस गांव के करीब 100 घरों में मंदबुद्धि, पोलियोग्रस्त, सेरेबल पालिसी, गूंगे बहरे व अपाहिज बच्चे मौजूद हैं। इस गांव में नि:संतान दंपतियों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

दैनिक जागरण की टीम ने इस गांव का दौरा कर पाया कि गांव के सरकारी हाई स्कूल के कुल सात सौ बच्चों में से 10 फीसदी से अधिक बच्चों के बाल काफी मात्रा में सफेद हो गए हैं। इसके अलावा आए दिन पेट रोग से पीड़ित छुट्टी लेने वाले बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। गांव की सरपंच रामेश्वरी देवी के पति साहब राम ने बताया कि दूषित पानी की वजह से गांव के सैकड़ों लोग भी उक्त रोगों के शिकार हैं। गांव में 13 बच्चे मानसिक रूप से बीमार, 32 अपाहिज, सात गूंगे बहरे, 10 दिमागी रूप से पीड़ित व तीन बच्चे लर्निग डिसएबिलिटी के शिकार हैं। यह संख्या 18 वर्ष तक के बच्चों की है। उससे अधिक उम्र के भी करीब 40 युवक युवतियां अपंगता, मंदबुद्धि जैसे रोगों के शिकार हैं।

मालवा में दूषित पानी के कहर पर रिसर्च कर रहे खेती विरासत मिशन के कार्यकारी अध्यक्ष डा. अमर सिंह आजाद का कहना है कि इसके पीछे पानी व मिट्टी में नीरोटाक्सिक हैवी मैटल होने से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था गांव के पानी और मिंट्टी की जर्मनी की मिनरल लैब में जांच करवाएगी।

दुर्भाग्य: गांव में नहीं डिस्पेंसरी व वाटर व‌र्क्स

फाजिल्का: दूषित पानी के कहर से बचने के लिए आरओ सिस्टम लगाना तो दूर बल्कि गांव में वाटर व‌र्क्स ही नहीं है। पड़ोसी गांव रामकोट के वाटर व‌र्क्स से पानी सप्लाई किया जाता है। सरपंच के पति साहब राम व गांव के पंच राजिंदर सिंह ने बताया कि दूषित पानी की समस्या के निदान के लिए तो गांव में वाटर व‌र्क्स स्थापित करवाने के लिए और साथ ही आरओ सिस्टम का प्रबंध कर लिया है। लेकिन अभी न जाने उस प्रोजेक्ट को पूरा होने में कितना समय लगेगा। बीमार हो रहे इस गांव के स्वास्थ्य के लिए कोई सरकारी डिस्पेंसरी नहीं है। मवेशियों की हालत भी दूषित पानी के कारण दयनीय है। उस पर पशु डिस्पेंसरी न होना भी कोढ़ में खाज का काम करता है

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