Monday, April 25, 2011

अमिट छाप छोड़ गया विरासत मेला

जागरण संवाददाता, फाजिल्का

सो क्यों मंदा आखिये, जिन जम्मे राजान, पवित्र गुरबानी की पंक्तियों को को आत्मसात करते हुए फाजिल्का विरासत महोत्सव की तीसरी रात महिला शक्ति को समर्पित की गई।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में फाजिल्का का नाम रोशन कर रही महिलाओं को सम्मानित किया गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम ने भी विरासत महोत्सव में शरीक होने आए शहरवासियों का खूब मनोरंजन किया गया।

आयोजनकर्ता ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी विमल सत्यार्थी ने कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने ईको कैब के फेमटो माडल, विरासत भवन के अलावा अन्य प्रदर्शनियों का निरीक्षण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी कैप्टन एमएस बेदी, चंडीगढ़ की पब्लिक रिलेशन ऑफिसर उमा शर्मा ने की। इस दौरान भ्रूणहत्या व महिला उत्पीड़न पर कटाक्ष किया गया। देशभक्ति पर आधारित कोरियोग्राफी पेश की गई। इस मौके पर भारत माता को नमन के लिए वंदे मातरम गीत पर कोरियोग्राफी ने भी सबका मन मोहा। अबोहर की नाट्य संस्था ने महंगाई के विरोध में नाटक फिर वी जिउंदा हां, प्रस्तुत किया। नाटक में विष्णु नारायण, मोहित नरूला, कुनाल, मोहित कालड़ा, अर्पण गुंबर, अर्पित गिलहोत्रा, हनी उतरेजा, सुनील वर्मा, पुनीत वाट्स, संदीप शर्मा व लेखक भूपेंद्र उतरेजा ने अभिनय किया। नाटक का लेखक विकास बत्तरा, संजीव गिलहोत्रा ने किया। प्रवीण सोलिया ने सहयोग दिया। संस्था के सदस्य सुनील वर्मा ने मिमिक्री से लोगों का मनोरंजन किया। इस मौके पर एसोसिएशन के सरक्षक डा. भूपिन्द्र सिंह, अध्यक्ष एडवोकेट उमेश कुक्कड़, रिटायर्ड प्रिंसिपल प्रीतम कौर, सचिव नवदीप असीजा, पंकज धमीजा, संदीप अबरोल, रवि खुराना आदि मौजूद थे।

वूमेन आफ फाजिल्का में महिलाएं सम्मानित


कार्यक्रम की तीसरी रात वूमेन आफ फाजिल्का में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं व युवतियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ की 88 महिला बटालियन की कमांडर नीतू भट्टाचार्य के परिजन फाजिल्का रतन व राजस्थान में एमबीबीएस टापर डाक्टर महक चौधरी को यूथ आईकॉन अवार्ड के अलावा डाक्टरी क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने वाली डाक्टर आशा गुंबर को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया।

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