Wednesday, July 13, 2011

अमेरिकी अनुसंधानकर्ता देखेंगे इको कैब

एशियाई देशों में सूचना तकनीक के साथ-साथ परंपरागत यातायात के साधनों का भी विकास हुआ है। यह विकास कैसे किया गया। इसमें नया क्या किया जा सकता है। इस बारे में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट 
ऑफ टेक्नोलॉजी अमेरिका (एमआईटी) में डाक्टरेट की उपाधि के लिए रिसर्च कर रहे एल्बर्ट चिंग फाजिल्का पहुंचेंगे। वह सिंगापुर से पहले चंडीगढ़ पहुंचेंगे और शनिवार को फाजिल्का पहुंचकर रिसर्च करेंगे। 
कौंसिल अध्यक्ष से करेंगे बैठक: एल्बर्ट चिंग फाजिल्का नगर कौंसिल अध्यक्ष अनिल सेठी से बैठक करेंगे और उनसे अपने अनुभव सांझा करेंगे। इसके बाद वह फाजिल्का की रिपोर्ट एमआईटी में जमा करवाएंगे। बता दें कि टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ऑफ वियना, ऑस्ट्रिया के परिवहन विभाग ने फाजिल्का का अध्ययन अपनी पाठ्यक्रम के साथ अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया हुआ है। 

यह देखेगी टीम : ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का की ओर से शुरू की गई डायल -ए -रिक्शा यानि ईको कैब और नगर कौंसिल के सहयोग से घंटा घर बाजार को बनाया गया कार फ्री जोन ने देश विदेश में ख्याति हासिल की है। एल्बर्ट चिंग इन दोनों जगहों को देखेंगे। गवफ सचिव नवदीप असीजा ने बताया क एल्बर्ट चिंग अपनी रिसर्च में अध्ययन कर रहे है कि एशियाई देशों में किस तरह परंपरागत यातायात के साधन जैसे कि रिक्शा को सूचना तकनीक के साथ जोड़ कर मौजूदा समय की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। पुराने एशियाई शहरों में रिक्शा ही एक ऐसा पर्याप्त यातायात का साधन है जिससे तंग गलियों व पुराने शहरों के अंदर तक जाया जा सकता है।

No comments: