Monday, August 29, 2011

बाढ़ के पानी और संगीनों के साये में हो रही है पढ़ाई

फाजिल्का & भारत के अंतिम छोर पर बसा गांव मुहार जमशेर, करीब 1100 की आबादी। गांव के तीन तरफ पाक सीमा ही नहीं पाकिस्तान के दरिया का पानी और चौथी देश की सरहद पर बहता सतलुज दरिया। यानि चारों ओर पानी ही पानी। इस बीच सीमा सुरक्षा बल की दो चौकियां और इनके बीच है गांव का सरकारी प्राइमरी स्कूल। वीरवार को बच्चों की हाजिरी भी 97 प्रतिशत। जोर-जोर से पहाड़े बोल रहे बच्चों के चेहरे बता रहे थे कि बाढ़ का उन पर कोई खौफ नहीं है। 
बच्चों को स्वीकार गांधी और सरोज शिक्षा दे रहे हैं। इनमें से फाजिल्का से गांव मुहार जमशेर जा रहे किश्ती पर सवार अध्यापक स्वीकार गांधी ने बताया कि गांव की ढाणियां पानी में घिर चुकी हैं। वह खुद भी पानी में पैदल चलकर स्कूल पहुंचते हैं। वापस लौट कर आ रही इसी किश्ती में सवार होकर फाजिल्का के स्कूल में पढऩे आ रहे बलकार सिंह ने बताया कि वह रोज किश्ती में बैठकर दरिया पार करते हैं। अगर दरिया पर पुल बनाया जाए और तारबंदी हटा ली जाए तो उनकी ज्यादातर समस्याएं हल हो जाएंगी।
ये स्कूल भी पानी में घिरे
दरिया के पानी में ढाणी सदा सिंह, गुलाबा भैणी, तेजा रूहेला, दोना नानका, गट्टी नंबर एक, रेतेवाली भैणी के सरकारी स्कूल भी पानी में घिर चुके हैं, लेकिन स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या में अधिकांश कमी नहीं आई।

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